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उसे हमने बहुत ढूँढा न पाया
अगर पाया तो खोज अपना न पाया
जिस इन्साँ को सगे-दुनिया न पाया
फ़रिश्ता उसका हमपाया न पाया
मुक़द्दर से ही गर सूदो-ज़ियाँ है
तो हमने याँ न कुछ खोया न पाया
अहाते से फ़लक़ के हम तो कब के
निकल जाते मगर रस्ता न पाया
जहाँ देखा किसी के साथ देखा
कहीं हमने तुझे तन्हा न पाया
किया हमने सलामे- इश्क़ तुझको
कि अपना हौसला इतना न पाया
न मारा तूने पूरा हाथ क़ातिल!
सितम में भी तुझे पूरा न पाया
लहद में भी तेरे मुज़तर ने आराम
ख़ुदा जाने कि पाया या न पाया
कहे क्या हाय ज़ख़्मे-दिल हमारा
ज़ेहन पाया लबे-गोया न पाया
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